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श्रीमद्भगवद्गीता सार:अध्याय ७ ज्ञान विज्ञान योग |Shrimad Bhagwad Geeta Saar 7,Gita Saar,MANOJ MISHRA

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????जय श्री कृष्ण???? श्रीमद्भगवद्गीता सार: ज्ञान विज्ञान योग: अध्याय ७ - ज्ञान विज्ञान योग ???? भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 7 में ज्ञान विज्ञान योग की परिभाषा को व्यक्त किया गया है। श्रीमदभगवदगीता श्री कृष्ण के श्रीमुख से प्रकट हुए दिव्य ज्ञान रूपी उपदेशों को हम आप सभी के कल्याण के लिए लेकर प्रस्तुत हुए हैं हम श्री कृष्ण जी के पावन उपदेशों द्वारा ज्ञान और विज्ञान योग का अनुसरण करेंगे की ज्ञान क्या है और विज्ञान क्या है जो हम सभी के लिए परम आवश्यक है और इसको ग्रहण करने से निश्चित रूप से समस्त संसार के सभी मनुष्यों का कल्याण होगा तो आइये श्रीमद भगवद गीता के सातवें अध्याय के पावन ज्ञान का अपने ह्रदय में संचयन करते हुए अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।। ????जय श्री कृष्ण ???? । श्री कृष्ण कहते हैं की समूची सृष्टि का ज्ञान उन्हीं में समाया हुआ है वो स्वयं ही इस ज्ञान के स्तोत्र हैं ये सदैव उन्हीं में समाहित रहता है तथा अंत में उन्हीं में विलीन हो जाता है। उनकी प्राकृत शक्तिमाया पर विजय प्राप्त करना अत्यंत कठिन है परन्तु जो संपूर्ण रूप से भगवान के शरणागत हो जाते हैं वे उनकी कृपा प्राप्त करते हैं और इस पर सरलता से विजय पा लेते हैं। वे अपने भक्तों में उन्हें अत्यंत प्रिय मानते हैं जो अपने मन और बुद्धि को उनमें विलय कर ज्ञान में स्थित होकर उनकी आराधना करते हैं। उन्हें केवल भौतिक सुखों की लालसा होती है इस हेतु वो देवताओं को मानते हैं उनकी पूजा करते हैं उन्हें देवताओं द्वारा अस्थायी सुख की प्राप्ति होती है वो सुख भी केवल देवता उन्हें भगवान द्वारा दी गई शक्तियों से ही प्रदान कर पाते हैं | इस प्रकार से भक्ति का उपयुक्त लक्ष्य स्वयं भगवान हैं। श्रीकृष्ण पुष्टि करते हैं कि वे परम सत्य और अंतिम गंतव्य या सिद्धि हैं और सर्वज्ञ,सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान जैसे शाश्वत दिव्य गुणों से सम्पन्न हैं। क्योंकि उनका वास्तविक स्वरूप उनकी दिव्य योगमाया शक्ति के आवरण द्वारा आच्छादित रहता है और इसलिए उनके अविनाशी दिव्य स्वरूप को प्रत्येक मनुष्य नहीं जान सकता। यदि हम उनकी शरण ग्रहण करते हैं तब वे हमें उन्हें जानने का अपना दिव्य ज्ञान प्रदान करते हैं और उनको जानकर हम भी आत्मज्ञान प्राप्त कर लेते हैं। भक्तियोग के अभ्यास द्वारा और श्री कृष्ण की शरण ग्रहण कर मन को केवल श्री कृष्ण में अनुरक्त कर जो मनुष्य संदेह मुक्त होकर इस ज्ञान को ग्रहण करता है वो ही श्री कृष्ण की शरण को प्राप्त करता है । पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि और अहंकार ये सब श्री कृष्ण की प्राकृत शक्ति के आठ तत्त्व हैं। श्री कृष्ण ही सम्पूर्ण सृष्टि का मूल कारण हैं। सृष्टि का हर तत्त्व उन्ही से जन्मा हैं और अंत में उन्हीं में विलीन हो जाता है। जो मनुष्य पुण्य कर्मों को करते हुए उनके इस ज्ञान रूपी सागर को पार कर जाता है केवल वो ही इस दिव्य ज्ञान का वास्तविक अर्थ जान पाता है उसे आत्मसात कर पाता है।

भगवद् गीता:-
भगवद् गीता एक महान ग्रन्थ है। युगों पूर्व लिखी यह रचना आज के धरातल पर भी सत्य साबित होती है। जो व्यक्ति नियमित गीता को पढ़ता या श्रवण करता है, उसका मन शांत बना रहता है। आज के कलयुग में भगवद् गीता पढ़ने से मनुष्य को अपनी समस्याओं का हल मिलता है आत्मिक शांति का अनुभव होता है। आज का मनुष्य जीवन की चिंताओं, समस्याओं, अनेक तरह के तनावों से घिरा हुआ है। यह ग्रन्थ भटके मनुष्यों को राह दिखाता है। गीता को, धर्म-अध्यात्म समझाने वाला अनमोल काव्य कहा जा सकता है। सभी शास्त्रों का सार एक स्थान पर कहीं एक साथ मिलता हो, तो वह स्थान है-गीता। गीता रूपी ज्ञान नदी में स्नान कर अज्ञानी सद्ज्ञान को प्राप्त करता है। पापी पाप-ताप से मुक्त होकर संसार सागर को पार कर जाता है। मन को शांति मिलती है, काम, क्रोध, लोभ, मोह दूर होता है। गीता का अध्ययन करने वाला व्यक्ति धीरे धीरे कामवासना, क्रोध, लालच और मोह माया के बंधनों से मुक्त हो जाता है। आज भी राजनीतिक या सामाजिक संकट के समय लोग इसका सहारा लेते हैं। मन नियंत्रण में रहता है। सच और झूठ का ज्ञान होता है। आत्मबल बढ़ता है। सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है तो आइये हम सभी इस अद्भुत ज्ञान को प्राप्त करें | भगवद् गीता के इस सार को श्रवण करने से आशा है हम सभी को अवश्य आत्मज्ञान और आत्मिक सुख की अनुभूति होगी | आशा है हमारा ये प्रयास आप सभी को लाभ प्रदान करेगा |

Video Link: https://youtu.be/nQazPRmswQc
Bhagwad Geeta All Parts: https://www.youtube.com/playlist?list=PLyXHXSHxLqKwXaL5dFkzLOVU_9sYQIiUZ
Geeta Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता सार:अध्याय ७ ज्ञान विज्ञान योग | Shrimad Bhagwad Geeta Saar 7 | Gita Saar | MANOJ MISHRA
Vaachak: Manoj Mishra
Music: Shardul Rathod
Lyrics: Traditional
Mixed & Mastered By: Dattatray Narvekar
Album: श्रीमद्भगवद्गीता सार:अध्याय ७ ज्ञान विज्ञान योग | Shrimad Bhagwad Geeta Saar 7 | Gita Saar | MANOJ MISHRA
Music Label: T-Series

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Category
टी-सीरीज़ - T-Series
Tags
Geeta Saar, Geeta Saar In Hindi Full, Geeta Saar In Mahabharat Full
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