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Jai Ganesh Jai Ganesh 00:00
Shree Vishnu Chalisa 06:02
Shree Krishna Govind Hare Murari 16:26
Itna To Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle 29:21
Tu Badrinath Mera Tu Hi Hai Ram Shyam 39:40
Bhatakta Dole Kaahe Prani 46:42
Satyanarayan Narayan Narayan Lakshmi Narayan 55:10
Mann Re Hari Bhajo Hari Bhajo Bhai 59:26
Music Label: T-Series
जया एकादशी व्रत कथा:- धर्मराज युधिष्ठिर श्री कृष्ण से बोले कृपया हमें माघ शुक्ल एकादशी के विषय में बताएं इस एकादशी का क्या नाम है और इसका व्रत करने के पुण्य प्रभाव क्या है श्री कृष्ण बोले देवराज इंद्र स्वर्ग में अन्य सभी देवगणों के साथ सुखपूर्वक रहते थे। एक समय इंद्र अपनी इच्छानुसार नंदन वन में अप्सराओं के साथ विहार कर रहे थे और गंधर्व गान कर रहे थे। उन गंधर्वों में प्रसिद्ध पुष्पदंत तथा उसकी कन्या पुष्पवती और चित्रसेन तथा उसकी स्त्री मालिनी भी उपस्थित थे। साथ ही मालिनी का पुत्र पुष्पवान और उसका पुत्र माल्यवान भी उपस्थित थे। पुष्पवती गंधर्व कन्या माल्यवान को देखकर उस पर मोहित हो गई और माल्यवान पर काम-बाण चलाने लगी। उसने अपने रूप लावण्य और हावभाव से माल्यवान को वश में कर लिया। वह पुष्पवती अत्यन्त सुंदर थी।अब वे इंद्र को प्रसन्न करने के लिए गान करने लगे परंतु परस्पर मोहित हो जाने के कारण उनका चित्त भ्रमित हो गया और उनके ठीक प्रकार न गाने तथा स्वर ताल ठीक नहीं होने से इंद्र इनके प्रेम को समझ गया और उन्होंने इसमें अपना अपमान समझ कर उनको श्राप दे दिया। इंद्र ने कहा तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया है, अब तुम दोनों स्त्री-पुरुष के रूप में मृत्यु लोक में जाकर पिशाच रूप धारण करो और अपने कर्म का फल भोगो। इंद्र का ऐसा श्राप सुनकर वे अत्यन्त दु:खी हुए और हिमालय पर्वत पर दु:खपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगे। उन्हें गंध, रस तथा स्पर्श आदि का कुछ भी ज्ञान नहीं था। वहाँ उनको अनेकों दु:ख मिल रहे थे | अत्यंत शीत होने के कारण वो क्षण भर के लिए भी सो नहीं पाते थे | एक दिन पिशाच ने अपनी स्त्री से कहा कि पिछले जन्म के ना जाने कौन से पापों के कारण हमको यह दु:खदायी पिशाच योनि प्राप्त हुई।इस पिशाच योनि से तो नर्क के दु:ख सहना ही उत्तम है। अत: अब किसी प्रकार का पाप नहीं करना चाहिकरेंगे |इस प्रकार विचार करते हुए वे अपने दिन व्यतीत कर रहे थे। दैव्ययोग से तभी माघ मास में शुक्ल पक्ष की जया नामक एकादशी आई। उस दिन उन्होंने कुछ भी भोजन नहीं किया,एवं उत्तम कार्य किए। केवल फल-फूल खाकर ही दिन व्यतीत किया और सायंकाल के समय दुखी अवस्था मे सूर्यास्त के समय पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ गए। उस रात को अत्यन्त ठंड थी, इस कारण वे दोनों शीत के मारे अति दुखी होकर मृतक के समान आपस में चिपटे हुए रात्रि का समय बिना निद्रा के व्यतीत किया |जया एकादशी के उपवास और रात्रि के जागरण से दूसरे दिन प्रभात होते ही उनको पिशाच योनि से छुटकारा मिला। अत्यन्त सुंदर गंधर्व और अप्सरा की देह धारण कर सुंदर वस्त्राभूषणों से अलंकृत होकर उन्होंने स्वर्गलोक को प्रस्थान किया। उस समय आकाश में देवता उनकी स्तुति करते हुए पुष्पवर्षा करने लगे। स्वर्गलोक में जाकर दोनों ने देवराज इंद्र को प्रणाम किया। देवराज इंद्र इनको पहले रूप में देखकर अत्यन्त आश्चर्यचकित होकर पूछने लगे कि तुमने अपनी यह पिशाच योनि से किस प्रकार छुटकारा पाया। माल्यवान बोले हे देवेन्द्र! भगवान विष्णु की कृपा और जया एकादशी के व्रत के प्रभाव से ही हमारी पिशाच देह छूटी है। तब इंद्र बोले कि हे माल्यवान! भगवान की कृपा और एकादशी का व्रत करने से न केवल तुम्हारी पिशाच योनि छूट गई, वरन् हम लोगों के भी वंदनीय हो गए क्योंकि विष्णु और शिव के भक्त हम लोगों के वंदनीय हैं | अब आप पुष्पवती के साथ जाकर विहार करो। श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे युधिष्ठिर! इस जया एकादशी के व्रत से, बुरी से बुरी योनि से भी मुक्ति मिल जाती है। जो मनुष्य जया एकादशी का व्रत करते हैं वे सब यज्ञ, जप, दान आदि का फल प्राप्त कर हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करते हैं।
Ganesh Bhajan: Jai Ganesh Jai Ganesh (Ganesh Aarti)
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Durga-Natraj
Lyrics: Traditional
Album: Aartiyan Hi Aartiyan
Visnu Bhajan: Shree Vishnu Chalisa
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Shekhar Sen
Lyrics: Traditional
Album: Shree Vishnu Stuti
Krishna Bhajan: Shree Krishna Govind Hare Murari (Krishna Keertan, Hari Keertan)
Singer: Kavita Godiyal | Pandit Pawan Godiyal
Music Director: Ajay Prasanna
Lyrics: Traditional
Album: Shree Badrinath Bhajan Keertan
Hari Bhajan: Itna To Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Pradyuman Sharma
Lyrics: Traditional
Album: Shree Ram Bhajan
Badrinath Bhajan: Tu Badrinath Mera Tu Hi Hai Ram Shyam
Singer: Kavita Godiyal
Music Director: Ajay Prasanna
Lyrics: Sajan Shahri
Album: Uttrakhand Ke Chaar Dhaam
Hari Bhajan: Bhatakta Dole Kaahe Prani
Singer: Tripti Shakya
Music Director: Anand-Milind
Lyrics: Traditional
Album: Kabhi Ram Banke Kabhi Shyam Banke
Satyanarayan Bhajan: Satyanarayan Narayan Narayan Lakshmi Narayan
Singer: Hariharan
Music Director: Kirti Anurag
Lyrics: Pandit Kiran Mishra
Album: Shree Satyanarayan Vrat Katha
Hari Bhajan: Mann Re Hari Bhajo Hari Bhajo Bhai
Singer: Anup Jalota
Music Director: Tapash Paul
Lyrics: Traditional
Album: Bhajan Parampara
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Jai Ganesh Jai Ganesh 00:00
Shree Vishnu Chalisa 06:02
Shree Krishna Govind Hare Murari 16:26
Itna To Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle 29:21
Tu Badrinath Mera Tu Hi Hai Ram Shyam 39:40
Bhatakta Dole Kaahe Prani 46:42
Satyanarayan Narayan Narayan Lakshmi Narayan 55:10
Mann Re Hari Bhajo Hari Bhajo Bhai 59:26
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जया एकादशी व्रत कथा:- धर्मराज युधिष्ठिर श्री कृष्ण से बोले कृपया हमें माघ शुक्ल एकादशी के विषय में बताएं इस एकादशी का क्या नाम है और इसका व्रत करने के पुण्य प्रभाव क्या है श्री कृष्ण बोले देवराज इंद्र स्वर्ग में अन्य सभी देवगणों के साथ सुखपूर्वक रहते थे। एक समय इंद्र अपनी इच्छानुसार नंदन वन में अप्सराओं के साथ विहार कर रहे थे और गंधर्व गान कर रहे थे। उन गंधर्वों में प्रसिद्ध पुष्पदंत तथा उसकी कन्या पुष्पवती और चित्रसेन तथा उसकी स्त्री मालिनी भी उपस्थित थे। साथ ही मालिनी का पुत्र पुष्पवान और उसका पुत्र माल्यवान भी उपस्थित थे। पुष्पवती गंधर्व कन्या माल्यवान को देखकर उस पर मोहित हो गई और माल्यवान पर काम-बाण चलाने लगी। उसने अपने रूप लावण्य और हावभाव से माल्यवान को वश में कर लिया। वह पुष्पवती अत्यन्त सुंदर थी।अब वे इंद्र को प्रसन्न करने के लिए गान करने लगे परंतु परस्पर मोहित हो जाने के कारण उनका चित्त भ्रमित हो गया और उनके ठीक प्रकार न गाने तथा स्वर ताल ठीक नहीं होने से इंद्र इनके प्रेम को समझ गया और उन्होंने इसमें अपना अपमान समझ कर उनको श्राप दे दिया। इंद्र ने कहा तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया है, अब तुम दोनों स्त्री-पुरुष के रूप में मृत्यु लोक में जाकर पिशाच रूप धारण करो और अपने कर्म का फल भोगो। इंद्र का ऐसा श्राप सुनकर वे अत्यन्त दु:खी हुए और हिमालय पर्वत पर दु:खपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगे। उन्हें गंध, रस तथा स्पर्श आदि का कुछ भी ज्ञान नहीं था। वहाँ उनको अनेकों दु:ख मिल रहे थे | अत्यंत शीत होने के कारण वो क्षण भर के लिए भी सो नहीं पाते थे | एक दिन पिशाच ने अपनी स्त्री से कहा कि पिछले जन्म के ना जाने कौन से पापों के कारण हमको यह दु:खदायी पिशाच योनि प्राप्त हुई।इस पिशाच योनि से तो नर्क के दु:ख सहना ही उत्तम है। अत: अब किसी प्रकार का पाप नहीं करना चाहिकरेंगे |इस प्रकार विचार करते हुए वे अपने दिन व्यतीत कर रहे थे। दैव्ययोग से तभी माघ मास में शुक्ल पक्ष की जया नामक एकादशी आई। उस दिन उन्होंने कुछ भी भोजन नहीं किया,एवं उत्तम कार्य किए। केवल फल-फूल खाकर ही दिन व्यतीत किया और सायंकाल के समय दुखी अवस्था मे सूर्यास्त के समय पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ गए। उस रात को अत्यन्त ठंड थी, इस कारण वे दोनों शीत के मारे अति दुखी होकर मृतक के समान आपस में चिपटे हुए रात्रि का समय बिना निद्रा के व्यतीत किया |जया एकादशी के उपवास और रात्रि के जागरण से दूसरे दिन प्रभात होते ही उनको पिशाच योनि से छुटकारा मिला। अत्यन्त सुंदर गंधर्व और अप्सरा की देह धारण कर सुंदर वस्त्राभूषणों से अलंकृत होकर उन्होंने स्वर्गलोक को प्रस्थान किया। उस समय आकाश में देवता उनकी स्तुति करते हुए पुष्पवर्षा करने लगे। स्वर्गलोक में जाकर दोनों ने देवराज इंद्र को प्रणाम किया। देवराज इंद्र इनको पहले रूप में देखकर अत्यन्त आश्चर्यचकित होकर पूछने लगे कि तुमने अपनी यह पिशाच योनि से किस प्रकार छुटकारा पाया। माल्यवान बोले हे देवेन्द्र! भगवान विष्णु की कृपा और जया एकादशी के व्रत के प्रभाव से ही हमारी पिशाच देह छूटी है। तब इंद्र बोले कि हे माल्यवान! भगवान की कृपा और एकादशी का व्रत करने से न केवल तुम्हारी पिशाच योनि छूट गई, वरन् हम लोगों के भी वंदनीय हो गए क्योंकि विष्णु और शिव के भक्त हम लोगों के वंदनीय हैं | अब आप पुष्पवती के साथ जाकर विहार करो। श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे युधिष्ठिर! इस जया एकादशी के व्रत से, बुरी से बुरी योनि से भी मुक्ति मिल जाती है। जो मनुष्य जया एकादशी का व्रत करते हैं वे सब यज्ञ, जप, दान आदि का फल प्राप्त कर हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करते हैं।
Ganesh Bhajan: Jai Ganesh Jai Ganesh (Ganesh Aarti)
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Durga-Natraj
Lyrics: Traditional
Album: Aartiyan Hi Aartiyan
Visnu Bhajan: Shree Vishnu Chalisa
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Shekhar Sen
Lyrics: Traditional
Album: Shree Vishnu Stuti
Krishna Bhajan: Shree Krishna Govind Hare Murari (Krishna Keertan, Hari Keertan)
Singer: Kavita Godiyal | Pandit Pawan Godiyal
Music Director: Ajay Prasanna
Lyrics: Traditional
Album: Shree Badrinath Bhajan Keertan
Hari Bhajan: Itna To Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Pradyuman Sharma
Lyrics: Traditional
Album: Shree Ram Bhajan
Badrinath Bhajan: Tu Badrinath Mera Tu Hi Hai Ram Shyam
Singer: Kavita Godiyal
Music Director: Ajay Prasanna
Lyrics: Sajan Shahri
Album: Uttrakhand Ke Chaar Dhaam
Hari Bhajan: Bhatakta Dole Kaahe Prani
Singer: Tripti Shakya
Music Director: Anand-Milind
Lyrics: Traditional
Album: Kabhi Ram Banke Kabhi Shyam Banke
Satyanarayan Bhajan: Satyanarayan Narayan Narayan Lakshmi Narayan
Singer: Hariharan
Music Director: Kirti Anurag
Lyrics: Pandit Kiran Mishra
Album: Shree Satyanarayan Vrat Katha
Hari Bhajan: Mann Re Hari Bhajo Hari Bhajo Bhai
Singer: Anup Jalota
Music Director: Tapash Paul
Lyrics: Traditional
Album: Bhajan Parampara
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- टी-सीरीज़ - T-Series
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