'ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।' गायत्री मंत्र अर्थ सहित व्याख्या 108 times
OM Bhoor Bhuvaha Swaha, Tatsavitur Varenyam, Bhargo Devasya Dheemahi, Dheeyo Yo Nah Prachodayat.''
Singers: Anuradha Paudwal | Kavita Paudwal
Album: Gayatri Mantra
Composer: Nandu Honap
Lyrics: Traditional
Music Label : T-Series
OM - Almighty God
BHOOR - Embodiment of vital or spiritual energy, BHUVAHA - Destroyer of suffering, SWAHA - Embodiment of Happiness, TAT - That (indicating God)
SAVITUR - Bright, Luminous, like sun, VARENYAM - Supreme, Best
BHARGO - Destroyer of Sins,DEVASYA - Divine, DHEEMAHI - May receive
DHEEYO - Intellect, YO - Who, NAH - Our, PRACHODAYAT - May inspire
गायत्र्यास्तु परं नास्ति
गायत्री मंत्र से बड़ा कोई मंत्र नहीं है
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
Om Bhur Bhuvaha Swaha, Tatsavitur Varenyam, Bhargo Devasya Dheemahi Dhiyo Yo Nah Prachodayat
गायत्री मंत्र से पहले ॐ लगाने का विधान है। इसे प्रणव कहा जाता है। प्रणव परब्रह्म परमात्मा का नाम है। ‘ओम’ के अ+उ+म् इन तीन अक्षरों को ब्रह्मा, विष्णु और शिव का रूप माना गया है। गायत्री मंत्र से पहले ॐ के बाद भू: भुव: स्व: लगाकर ही मंत्र का जप करना चाहिए। ये गायत्री मंत्र के बीज हैं। बीज मंत्र का जप करने से ही साधना सफल होती है। अत: ॐ और बीजमंत्र सहित गायत्री मंत्र इस प्रकार है...
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
ॐ - परब्रह्मा
Om-Brahma, The Pranava, Omkara Mantra
भूः - भूलोक, पृथ्वी
Bhur - Embodiment Of Vital Or Spiritual Energy
भुवः - अंतरिक्ष लोक
Bhuvaha - Destroyer Of Suffering
स्वः - स्वर्गलोक
Swaha -One'S Own, Embodiment Of Happiness
त - परमात्मा , सवितुः - ईश्वर अथवा सृष्टि कर्ता
Tat - That (Indicating God) Savitur - Bright, Luminous, Like Sun
That All Creating Great Person In The Form Of Sun
वरेण्यम - पूजनीय
Varenyam - Supreme, Best
भर्गः - अज्ञान तथा पाप का निवारण करने वाला
Bhargo - Radiance, Luster, Brilliance, Destroyer Of Sins
देवस्य - ज्ञान स्वरुप भगवान का
Devasya - Divine, God's
धीमहि - हम ध्यान करते हैं
Dheemahi - May Receive, May Meditate
धियो - बुद्धि प्रज्ञा
Dhiyo -Intellect And Mind
योः - जो
Yo - Who,
नः - हमें
Nah -Us, To Us Or Ours,
प्रचोदयात् - प्रकाशित करें ।
Prachodayat = Inspire, Kindle, Urge, Induce,
अर्थ:- हम सृष्टि के करता उस ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, अज्ञान तथा पाप का निवारण करने वाले, ऐसे ज्ञान स्वरुप ईश्वर का हम ध्यान करते हैं वह हमें प्रकाशित करें तथा सत्य पथ पर ले जाएं ।
The Gayatri Mantra Is A Sanskrit Mantra That Has Been Chanted For Thousands Of Years. It Was Written Down During The Vedic Period And Is Considered To Be One Of The Oldest Known And Most Powerful Mantras. It Is Said To Contain All The Knowledge Of The Universe.
सृष्टिकर्ता ब्रह्मा से लेकर आधुनिक काल तक ऋषि-मुनियों, साधु-महात्माओं और अपना कल्याण चाहने वाले मनुष्यों ने गायत्री मंत्र का आश्रय लिया है। यह मंत्र यजुर्वेद व सामवेद में आया है लेकिन सभी वेदों में किसी-न-किसी संदर्भ में इसका बार-बार उल्लेख है।
The Gayatri Mantra comprises twenty-four syllables organized inside a triple of eight syllables.
गायत्री मंत्र के अभिप्राय से ही वेदों का अर्थ ज्ञात होता है गायत्री मंत्र गायत्री छन्द में रचा गया अत्यंत प्रसिद्ध मंत्र है। इसके देवता सविता हैं और ऋषि विश्वामित्र हैं।
Gayatri means a "hymn" in Sanskrit. The term is most commonly heard in yoga as the name of the Hindu goddess, Gayatri, and her associated mantra, the well-known Gayatri mantra. Gayatri is a deity of knowledge, education and virtue. She is one of the consorts of Brahma.
गायत्री मंत्र की पुष्टि ऋग्वेद में सर्वप्रथम मिलती है ये मंत्र हज़ारों वर्ष पूर्व ''संस्कृत'' में लिखा गया था
GAYATRI MANTRA was first recorded in the Rig Veda and was written in Sanskrit around thousands years back.
जो व्यक्ति नियमित रूप से एकाग्र मन से गायत्री मंत्र का जप करता है वह हमेशा रोगमुक्त, भयमुक्त तथा दोषमुक्त रहता है और उसका संपूर्ण जीवन सूर्य के समान चमकता रहता है
Reciting the Gayatri Mantra not only decontaminates the chanter but the listener as well.
जो भक्त गायत्री मंत्र का जप करते हैं उनके ऊपर माता स्वरूप माँ गायत्री अपनी ममता तो बिखेरती ही हैं साथ ही उनका संपूर्ण जीवन माँ के ममता भरे कवच से सुरक्षित रहता है
English Meaning Of ''Gayatri Mantra"
We meditate on the glory of the Creator,
Who has created the Universe
Who is worthy of Worship,
Who is the embodiment of Knowledge and Light,
Who is the remover of all Sin and Ignorance,
May He enlighten our Intellect.
#tseriesbhaktisagar #gayatrimantra #anuradhapaudwal #gayatrimantram #gayatrimantra108times #gayatrimantra108times #gayatrimantra108
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BHOOR - Embodiment of vital or spiritual energy, BHUVAHA - Destroyer of suffering, SWAHA - Embodiment of Happiness, TAT - That (indicating God)
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गायत्र्यास्तु परं नास्ति
गायत्री मंत्र से बड़ा कोई मंत्र नहीं है
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
Om Bhur Bhuvaha Swaha, Tatsavitur Varenyam, Bhargo Devasya Dheemahi Dhiyo Yo Nah Prachodayat
गायत्री मंत्र से पहले ॐ लगाने का विधान है। इसे प्रणव कहा जाता है। प्रणव परब्रह्म परमात्मा का नाम है। ‘ओम’ के अ+उ+म् इन तीन अक्षरों को ब्रह्मा, विष्णु और शिव का रूप माना गया है। गायत्री मंत्र से पहले ॐ के बाद भू: भुव: स्व: लगाकर ही मंत्र का जप करना चाहिए। ये गायत्री मंत्र के बीज हैं। बीज मंत्र का जप करने से ही साधना सफल होती है। अत: ॐ और बीजमंत्र सहित गायत्री मंत्र इस प्रकार है...
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
ॐ - परब्रह्मा
Om-Brahma, The Pranava, Omkara Mantra
भूः - भूलोक, पृथ्वी
Bhur - Embodiment Of Vital Or Spiritual Energy
भुवः - अंतरिक्ष लोक
Bhuvaha - Destroyer Of Suffering
स्वः - स्वर्गलोक
Swaha -One'S Own, Embodiment Of Happiness
त - परमात्मा , सवितुः - ईश्वर अथवा सृष्टि कर्ता
Tat - That (Indicating God) Savitur - Bright, Luminous, Like Sun
That All Creating Great Person In The Form Of Sun
वरेण्यम - पूजनीय
Varenyam - Supreme, Best
भर्गः - अज्ञान तथा पाप का निवारण करने वाला
Bhargo - Radiance, Luster, Brilliance, Destroyer Of Sins
देवस्य - ज्ञान स्वरुप भगवान का
Devasya - Divine, God's
धीमहि - हम ध्यान करते हैं
Dheemahi - May Receive, May Meditate
धियो - बुद्धि प्रज्ञा
Dhiyo -Intellect And Mind
योः - जो
Yo - Who,
नः - हमें
Nah -Us, To Us Or Ours,
प्रचोदयात् - प्रकाशित करें ।
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अर्थ:- हम सृष्टि के करता उस ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, अज्ञान तथा पाप का निवारण करने वाले, ऐसे ज्ञान स्वरुप ईश्वर का हम ध्यान करते हैं वह हमें प्रकाशित करें तथा सत्य पथ पर ले जाएं ।
The Gayatri Mantra Is A Sanskrit Mantra That Has Been Chanted For Thousands Of Years. It Was Written Down During The Vedic Period And Is Considered To Be One Of The Oldest Known And Most Powerful Mantras. It Is Said To Contain All The Knowledge Of The Universe.
सृष्टिकर्ता ब्रह्मा से लेकर आधुनिक काल तक ऋषि-मुनियों, साधु-महात्माओं और अपना कल्याण चाहने वाले मनुष्यों ने गायत्री मंत्र का आश्रय लिया है। यह मंत्र यजुर्वेद व सामवेद में आया है लेकिन सभी वेदों में किसी-न-किसी संदर्भ में इसका बार-बार उल्लेख है।
The Gayatri Mantra comprises twenty-four syllables organized inside a triple of eight syllables.
गायत्री मंत्र के अभिप्राय से ही वेदों का अर्थ ज्ञात होता है गायत्री मंत्र गायत्री छन्द में रचा गया अत्यंत प्रसिद्ध मंत्र है। इसके देवता सविता हैं और ऋषि विश्वामित्र हैं।
Gayatri means a "hymn" in Sanskrit. The term is most commonly heard in yoga as the name of the Hindu goddess, Gayatri, and her associated mantra, the well-known Gayatri mantra. Gayatri is a deity of knowledge, education and virtue. She is one of the consorts of Brahma.
गायत्री मंत्र की पुष्टि ऋग्वेद में सर्वप्रथम मिलती है ये मंत्र हज़ारों वर्ष पूर्व ''संस्कृत'' में लिखा गया था
GAYATRI MANTRA was first recorded in the Rig Veda and was written in Sanskrit around thousands years back.
जो व्यक्ति नियमित रूप से एकाग्र मन से गायत्री मंत्र का जप करता है वह हमेशा रोगमुक्त, भयमुक्त तथा दोषमुक्त रहता है और उसका संपूर्ण जीवन सूर्य के समान चमकता रहता है
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जो भक्त गायत्री मंत्र का जप करते हैं उनके ऊपर माता स्वरूप माँ गायत्री अपनी ममता तो बिखेरती ही हैं साथ ही उनका संपूर्ण जीवन माँ के ममता भरे कवच से सुरक्षित रहता है
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We meditate on the glory of the Creator,
Who has created the Universe
Who is worthy of Worship,
Who is the embodiment of Knowledge and Light,
Who is the remover of all Sin and Ignorance,
May He enlighten our Intellect.
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- टी-सीरीज़ - T-Series
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